कार्डियो करने पर शरीर में क्या होता है? एक आसान समझ
चाहे आप टहल रहे हों, साइकिल चला रहे हों या पार्क में अपने कुत्ते के पीछे दौड़ रहे हों — आपका शरीर अंदर से बहुत ज़रूरी काम कर रहा होता है। मैं ये बात एक फिजियोथेरेपिस्ट और ट्रेनर के तौर पर बता रहा हूँ, जिसके पास 20 साल का अनुभव है। आइए समझते हैं कि जब आप कार्डियो करते हैं, तब शरीर में क्या-क्या होता है और इससे ज़्यादा फायदा कैसे पाएं।
कार्डियो करते समय आपके शरीर में क्या होता है?
जब आप चलना या दौड़ना शुरू करते हैं, तो शरीर की ये "टीमवर्क" चालू हो जाती है:
दिल की धड़कन तेज़ होती है, ताकि मांसपेशियों तक ऑक्सीजन वाला खून पहुँच सके।फेफड़े ज़्यादा हवा खींचते हैं, जिससे शरीर को ज़रूरी ऑक्सीजन मिले।
पसीना आता है, ताकि शरीर का तापमान सामान्य रहे।
मांसपेशियाँ ग्लाइकोजन नाम की एनर्जी का इस्तेमाल करती हैं ताकि आप चलते रह सकें।
दिमाग एंडॉर्फिन रिलीज़ करता है, जिससे आपको अच्छा और हल्का महसूस होता है।
आम गलतियाँ जो लोग कार्डियो में करते हैं
बहुत से लोग ये गलतियाँ करते हैं:
वार्मअप नहीं करना – जैसे गाड़ी बिना स्टार्ट किए नहीं चलती, वैसे ही शरीर को भी वॉर्मअप चाहिए।बहुत तेज़ शुरुआत करना – नए हैं या ब्रेक के बाद वापसी कर रहे हैं? धीरे शुरू करें।
सोचना कि कार्डियो से ही वजन कम होगा – वजन घटाने के लिए खाने और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की भी ज़रूरत होती है।
ग़लत मुद्रा – ट्रेडमिल पर नीचे देखना गर्दन दर्द दे सकता है।
पानी कम पीना – थोड़ी भी पानी की कमी थकान और धीमी रिकवरी लाती है।
सही तरीके से कार्डियो कैसे करें (बिना जल्दी थके)
1. वॉर्मअप (5–10 मिनट):
घर पर ही करें: मार्चिंग, कंधे घुमाना, पैरों को हिलाना।बुज़ुर्गों, जोड़ों में दर्द वालों के लिए ज़रूरी।
2. अपने लिए सही कार्डियो चुनें:
चलना – सबसे आसान, हर उम्र के लिए ठीक।स्विमिंग – जोड़ों पर कम दबाव, मोटापे या गठिया वाले लोगों के लिए अच्छा।
HIIT (हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग) – असरदार पर शुरुआत एक्सपर्ट की मदद से करें।
3. मुद्रा और साँस लेने के टिप्स:
सीधा खड़े रहें, आगे देखें – मोबाइल में न झुकें।गहरी सांस पेट से लें, सीने से नहीं।
4. अपनी मेहनत का स्तर जाँचें:
अगर एक्सरसाइज़ करते हुए आप बात कर पा रहे हैं – सही है।अगर एक लाइन बोलते ही साँस फूल रही है – धीरे करें।
हो सके तो स्मार्टवॉच या हार्टरेट मॉनिटर इस्तेमाल करें।
5. कूल डाउन करना न भूलें:
धीरे-धीरे चलें, हल्के स्ट्रेच करें।इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द नहीं होता।
शुरुआती लोगों के लिए सिंपल कार्डियो प्लान (15–20 मिनट)
3 मिनट: घर में ही मार्चिंग5 मिनट: तेज़ चलना या स्लो साइकलिंग
2 मिनट: बॉडीवेट स्क्वैट्स या स्टेप-अप्स
5 मिनट: धीमी वॉक और स्ट्रेचिंग – काफ, पीठ, हैमस्ट्रिंग
याद रखें — सिर्फ कार्डियो काफी नहीं
ज़्यादा कार्डियो करने से ज़रूरी नहीं कि फैट जल्दी घटे। कार्डियो दिल, मूड और फैट लॉस में मदद करता है, लेकिन सही खाना, नींद और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी उतनी ही ज़रूरी है।
बहुत ज़्यादा कार्डियो करने से शरीर में तनाव वाले हार्मोन बढ़ सकते हैं — खासकर बुज़ुर्गों, डायबिटीज़ या मेटाबॉलिज्म की दिक्कत वाले लोगों में। मैंने क्लिनिक में कई बार यह देखा है।
कुछ सेफ सप्लीमेंट्स (डॉक्टर से पूछकर ही लें)
इलेक्ट्रोलाइट्स – पसीने से जो नमक-खनिज खोते हैं, उन्हें भरें।बीटा-एलनिन – स्टैमिना बढ़ाने में मदद करता है।
ओमेगा-3 – दिल और जोड़ों के लिए फायदेमंद।
कैफीन (थोड़ी मात्रा में) – फोकस बढ़ा सकता है, लेकिन हाई BP वालों के लिए नहीं।
फैट बर्नर या "झटपट वजन घटाने" वाले पाउडर से दूर रहें – ये सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं।
अंतिम सलाह – कार्डियो को दोस्त समझिए, सज़ा नहीं
कार्डियो को सज़ा नहीं, अपने दोस्त की तरह समझिए। आपको घंटों दौड़ना ज़रूरी नहीं — अपनी सहूलियत के हिसाब से करें, नियमित करें और इसका आनंद लें।
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✍️ लेखक: 20 साल के अनुभव वाले फिजियोथेरेपिस्ट और सर्टिफाइड ट्रेनर, जो लोगों को रिकवरी, ट्रेनिंग और हेल्दी लाइफस्टाइल में गाइड करते हैं।