🦶 टेढ़ा हो गया टखना? घबराइए मत — इंसान से इंसान की तरह बात करते हैं
नमस्ते,
हाल ही में आपका टखना मुड़ गया है? दर्द हो रहा है, सूजन है, या बार-बार ऐसा हो जाने की टेंशन?
मैं एक फिजियोथेरेपिस्ट और स्ट्रेंथ कोच हूं। मैंने कई लोगों को इसी तकलीफ़ से जूझते देखा है — खिलाड़ी, जॉगिंग करने वाले, या ऑफिस जाने वाले जो बस सीढ़ी से उतरते हुए लड़खड़ा गए।
और सबसे ज़्यादा पूछे जाने वाले सवाल यही होते हैं:
चलिए, सब कुछ आसान भाषा में समझते हैं — क्या हुआ है, क्या करना है, क्या नहीं करना है, और कैसे आप ठीक होकर और मज़बूत बन सकते हैं।
❓ टखना मुड़ने में होता क्या है?
ज्यादातर बार, पैर अंदर की ओर मुड़ जाता है। टखने के बाहर तेज़ दर्द होता है और सूजन शुरू हो जाती है।
इसे इनवर्ज़न स्प्रेन कहते हैं। एक छोटा सा लिगामेंट — ATFL (anterior talofibular ligament) — खिंच जाता है या हल्का फट सकता है।
इसे ऐसे समझिए — जैसे रबड़ का बैंड ज़्यादा खिंच जाए तो ढीला हो जाता है या थोड़ा टूट भी जाता है। यही आपके लिगामेंट के साथ होता है।
🧊 पहले 48 घंटे में क्या करें?
अक्सर लोग या तो कुछ नहीं करते, या पूरे टाइम बेड पर पड़े रहते हैं। पर सही तरीका ये है:
❌ मत कीजिए ये चीज़ें:
🩻 डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
नीचे में से कोई एक बात सच है तो डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है:
इसमें फ्रैक्चर भी हो सकता है। एक बार चेक करवा लेना सही रहेगा।
🦶 फिर से चलना कब शुरू करें?
आमतौर पर 2–4 दिन बाद जब दर्द थोड़ा कम हो जाए, तो धीरे-धीरे हिलाना-डुलाना शुरू कर देना चाहिए।
ये छोटे-छोटे मूवमेंट बहुत फ़ायदे के होते हैं।
💪 पूरा ठीक होने के 3 फेज
🟢 फेज 1: मूवमेंट वापस लाना
🟡 फेज 2: स्ट्रेंथ और बैलेंस
अगर टखना हिले या वॉबल करे — कोई बात नहीं। दिमाग फिर से संतुलन बनाना सीख रहा है।
🔵 फेज 3: रिएक्शन ट्रेनिंग
यही फेज लोग मिस कर देते हैं — जबकि यहीं से असली रिकवरी होती है, खासकर स्पोर्ट्स वालों के लिए:
🧠 आम ग़लतियां जो लोग करते हैं
🏃♂️ दौड़ना कब शुरू करें?
एक पैर पर खड़े होकर हॉप करें — ये टेस्ट बताएगा आप तैयार हैं या नहीं।
🧭 अब भी कन्फ्यूज़ हैं?
अगर ये आपकी पहली बार की चोट है और आप ऊपर दिए स्टेप्स फॉलो करेंगे, तो कुछ हफ्तों में ठीक हो सकते हैं।
लेकिन अगर ये दूसरी या तीसरी बार हो रहा है, या कुछ हफ्तों बाद भी कमजोरी लगती है — तो किसी फिजियोथेरेपिस्ट से पर्सनल प्लान बनवाइए।
🧘 आख़िर में एक सलाह
टखने की मोच आम है, पर अगर सही तरीके से ना ठीक किया जाए — तो बार-बार होती है।
पर सही रीहैब, एक्सरसाइज और पेशेंस से आप पूरी तरह ठीक हो सकते हैं — और पहले से ज़्यादा मजबूत भी बन सकते हैं।